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कराग्रे वसते लक्ष्मिः करमध्ये सरस्वति । करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम् ॥ Karaagre Vasate Lakshmi

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  भारतीय शास्त्रों और ग्रंथों में प्रातःकाल उठने और उसके बाद क्या क्या करना चाहिए ये विस्तार से बताया गया और इन्हे संस्कारों भी कहते है  हमें प्रातःकाल उठना चाहिए और उसके बाद हमें अपने आँखों को खोलना चाहिए , और आंखे खुलते ही हमें शुभ चीजों को देखना चाहिए  इसके लिए हमारे शास्त्रों में कर दर्शन का विधान है अर्थात अपनी हथेली को देखना  उठने के बाद बैठ के अपने दोनों हथेली (हाँथ) को एक साथ सटा के अपने आँखों को खोलना चाहिए  और अपने हथेली को देखना चाहिए  और निचे लिखे मंत्र को बोलना चाहिए  कराग्रे वसते लक्ष्मिः करमध्ये सरस्वति । करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम् ॥ Click here to listen उपरोक्त श्लोक में कहा गया है की कर के आगे वाले भाग में माता लक्ष्मी जी निवास करती है l  कर के मध्य भाग में ज्ञान और विद्या की देवी माता सरस्वती का निवास है l  और कर के मूल / जड़ में इस संसार के पालनहार चराचर के स्वामी भगवान  श्री हरी विष्णु जी रहते है  अतः प्रभातकाल मैं इनका दर्शन करता हूँ  इसका व्यवाहरिक तात्पर्य यह है की हमें अपने कर्मो पे वि...

आग , ऋण और शत्रु के साथ क्या करना चाहिए ? Fire, Loan & Enemy how you handle with them ?

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आग , ऋण और शत्रु के साथ क्या करना चाहिए ?                    आग , ऋण और शत्रु ये तीनों हमारे लिए अलग अलग परिस्थिति में लाभकारी और हानिकारक हो सकते है l आज के परिपेक्ष में देखें तो ऋण लाभकारी है जैसे लोग घर एवं वाहन के लिए अधिकांश ऋण लेते है बड़े बड़े कल कारखाने आज ऋण के कारण ही अस्तित्व में आ पाते है और चलते है l किन्तु यदि ऋण नहीं चुकाया तो वो आपके लिए हानिकारक हो सकता है l  कई लोग ऋण के चक्कर से कभी बहार नहीं निकल पाते है l शास्त्रों में लिखा गया है की      अग्निशेषमृणशेषं शत्रुशेषं तथैव च ।  पुन: पुन: प्रवर्धेत तस्माच्शेषं न कारयेत् ॥ यदि कोई आग, ऋण, या शत्रु अल्प मात्रा अथवा न्यूनतम सीमा तक भी अस्तित्व में बचा रहेगा तो बार बार बढ़ेगा ; अत: इन्हें थोड़ा सा भी बचा नही रहने देना चाहिए । इन तीनों को सम्पूर्ण रूप से समाप्त ही कर डालना चाहिए । यदि आग को पूरी तरह नहीं बुझा दिया जय तो वो फिर जवाला में बदल सकता है l ठीक उसी तरह ऋण को पूरी तरह चूका नहीं दिया गया तो वो बढ़ता ही जायेगा l  शत्रु को यदि छोड़ दिया गया तो व...

ॐ जय जगदीश हरे सत्यनारायण भगवान आरती

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  सत्यनारायण भगवान आरती  सत्यनारायण भगवान की विधिवत पूजा अर्चना करने के उपरांत भगवान सत्यनारायण जी की आरती  अवश्य करनी चाहिए l आरती के माध्यम से हम भगवान से कहते है की आप इस संसार के स्वामी है  आप ही करने वाले है आपकी दया की हमें आवश्यकता है l दया कीजिये पाप को हर लीजिये I  सभी प्राणी में आप ही है आप भगवान है मई आपका दास सेवक हूँ इसलिए हे चराचर के कर्त्ता-धर्ता मुझे  अपनी शरण में लीजिये और मेरे उद्धार कीजिये ओम जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे। भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट क्षण में दूर करे।। ओम जय  जगदीश हरे ... जो ध्यावे फल पावे, दुख बिनसे मन का। स्वामी दुख बिनसे मन का सुख सम्पति घर आवे, कष्ट मिटे तन का।।  ओम जय  जगदीश हरे ... मात पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी। स्वामी शरण गहूं मैं किसकी। तुम बिन और न दूजा, आश करूं किसकी।।  ओम जय  जगदीश हरे ... तुम पूरण परमात्मा, तुम अंतरयामी। स्वामी तुम अंतरयामी परम ब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी।।  ओम जय  जगदीश हरे ... तुम करुणा के सागर, तुम पालन करता। स्वामी तुम पालन करता दीन ...

Good morning ,Good night , wishes and motivational quotes Status

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ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्ये नम   मनुष्य सफल तब होता है  जब वो संसार को नहीं  बल्कि स्वयं को बालने का प्रयत्न करता है   बड़ा बनाने में कभी दूसरों        को छोटा मत बनाना  Good Morning Quote  Simply continue to walk  do not  think that destiny  It is fixed by lord krishna    रामायण चौपाई बिनु सत्संग बिबेक न होई ।  राम कृपा बिनु सुलभ न सोई ।। सतसंगत मुद मंगल मुला । सोई फल सिधि सब साधन फूला ।।4।। सत्संग के बिना विवेक या बुद्धि नही होती और श्री रामजी की कृपा के बीना सत्संग सहज में मिलता नही। सत्संगति आनंद और कल्याण की जड़ है । सत्संग की सिद्धि ही फल है  बाकी जो सब साधन है वो फूल है । जय श्रीराम 

Billionaires 2022 The Richest People in the world (Top 10 )

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In the top 10 richest people in the world, there is two Indian Mr.Mukhesh Dhirubhai Ambani (earlier Aisa's richest person ) and Goutam Adani 

अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः। चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशो बलम।। चरण स्पर्श और नमस्कार

  चरण स्पर्श हमें अपने से बड़े  परिजनों , संतों , ऋषियों , माता पिता के पैर  क्यों  छूने  चाहिए  ? सनातन धर्म या हिन्दुओं में चरण स्पर्श कलांतर से लोग आज तक चल रहा  है और ये अभिवादन की एक पद्धति है जैसे अन्य में लोग अपने सर को झुकाते है (जापान में) हाँथ मिलते है (इंग्लिश देश में ) , अपने हाँथ को सर के तरफ उठा के ( इस्लाम में ) , भारतीय लोग सदियों से चरण स्पर्श और नमस्कार ये दोनों पद्धिति अपनाते आ रहे है I    हमारे धर्म शास्त्रों में अभिवादन करने के कुछ लाभ बताये गए है जो इस श्लोक में है  अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः। चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशो बलम।। अर्थार्थ  जो व्यक्ति सुशील और विनम्र  होते हैं, बड़ों का अभिवादन व सम्मान करने वाले होते हैं तथा अपने बुजुर्गों की सेवा करने वाले होते हैं। उनकी आयु, विद्या, कीर्ति और बल इन चारों में वृद्धि होती है। धार्मिक महत्व  जब हम चरण को स्पर्श करते  है. तो  ऐसी मान्यता है कि इससे उस पूजनीय व्यक्ति की सकारात्मक ऊर्जा आशीर्वाद के रूप में हमारे...

झारखंड के प्रमुख जलप्रपात का नाम Fountains of Jharkhand

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  Fountains of Jharkhand  झारखंड के प्रमुख जलप्रपात का नाम जलप्रपात का नाम हुंडरू जलप्रपात-   रांची दशम जलप्रपात- रांची जोन्हा या गोतमधारा जलप्रपात – रांची बुढाघाघ जलप्रपात-   लातेहार मिर्चिया जलप्रपात – लातेहार घाघरी जलप्रपात- लातेहार नागफेनी जलप्रपात- गुमला प्रेमा घाघ- गुमला- गुमला हेसातु जलप्रपात- गुमला पंचगढ़ जलप्रपात- खूंटी पंचघाघ जलप्रपात- खूंटी डुमेर सुमेर जलप्रपात- चतरा तामासीन जलप्रपात- चतरा गोवा जलप्रपात- चतरा सतवागन जलप्रपात- कोडरमा धरागिरि जलप्रपात-   घाटशिला घरघरिया जलप्रपात-   लोहरदगा मोतीझरा जलप्रपात- साहेबगंज उसरी जलप्रपात- गिरिडीह मोतीझरा जलप्रपात-   राजमहल पहाड़ी रजरप्पा जलप्रपात- रामगढ़ हिरनी जलप्रपात पश्चिमी सिंहभूम