ॐ जय जगदीश हरे सत्यनारायण भगवान आरती
सत्यनारायण भगवान आरती
सत्यनारायण भगवान की विधिवत पूजा अर्चना करने के उपरांत भगवान सत्यनारायण जी की आरती
अवश्य करनी चाहिए l आरती के माध्यम से हम भगवान से कहते है की आप इस संसार के स्वामी है
आप ही करने वाले है आपकी दया की हमें आवश्यकता है l दया कीजिये पाप को हर लीजिये I
सभी प्राणी में आप ही है आप भगवान है मई आपका दास सेवक हूँ इसलिए हे चराचर के कर्त्ता-धर्ता मुझे
अपनी शरण में लीजिये और मेरे उद्धार कीजिये
ओम जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे।
भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट
क्षण में दूर करे।। ओम जय जगदीश हरे...
जो ध्यावे फल पावे, दुख बिनसे मन का।
स्वामी दुख बिनसे मन का
सुख सम्पति घर आवे, कष्ट मिटे तन का।। ओम जय जगदीश हरे...
मात पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।
स्वामी शरण गहूं मैं किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आश करूं किसकी।। ओम जय जगदीश हरे...
तुम पूरण परमात्मा, तुम अंतरयामी।
स्वामी तुम अंतरयामी
परम ब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी।। ओम जय जगदीश हरे...
तुम करुणा के सागर, तुम पालन करता।
स्वामी तुम पालन करता
दीन दयालु कृपालु, कृपा करो भरता।। ओम जय जगदीश हरे...
तुम हो एक अगोचर सबके प्राण पति।
स्वामी सबके प्राण पति
किस विधि मिलूं दयामी, तुमको मैं कुमति।। ओम जय जगदीश हरे...
दीन बंधु दुख हरता, तुम रक्षक मेरे।
स्वामी तुम रक्षक मेरे
करुणा हस्त बढ़ाओ, शरण पड़ूं मैं तेरे।। ओम जय जगदीश हरे...
विषय विकार मिटावो पाप हरो देवा।
स्वामी पाप हरो देवा
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ संतन की सेवा।। ओम जय जगदीश हरे...
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