CRYPTOCURRENCY क्रिप्टो मुद्रा
मुद्रा का उपयोग वस्तु और सेवाओं को खरीदने और बेचने के लिए उपयोग होता है । सभी देश अपनी मुद्रा का उपयोग करए है जैसे भारत पाकिस्तान रुपये का अमरीका डॉलर का यूरोप यूरो का करता है। एक देश की मुद्रा का विनिमय दूसरे देश की मुद्रा के साथ होता है ।लेकिन आज हम पूरे विश्व मे एक अलग ही मुद्रा प्रचलन में है जो कि क्रिप्टो मुद्रा या क्रिप्टो कर्रेंसी है । इस मुद्रा को अलग अलग विनिमय (एक्सचेंज ) माध्यम से खरीदा और बेचा जाता है । अधिकांश देश इस क्रिप्टो को मान्यता नही दिए है और कई देश इसपे प्रतिबंध लगा चुके है ।
वर्ष 2009 में बिटकोईन पहली क्रिप्टो मुद्रा आयी और ऐसा माना जाता है कि संतोषी नकामोटो ने इसे बाजार में लाया था ।और आज के समय मे क्रिप्टो मुद्रा या कॉइन 10 हज़ार से भी अधिक हो गए है अर्थात अभी समस्त विश्व मे दस हज़ार प्रकार के क्रिप्टो बाजार में उपलब्ध है और इसे लोग खरीद और बेच रहे है जबकि इक्विटी या शेयर बाजार 8 करोड़ के आस पास है । क्रिप्टो का अर्थ वैसे तो गुप्त या छिपा हुआ होता है लेकिन ये एक डिजिटल करेंसी है । विश्व बैंक के अनुसार लगभग इसका बाजार 70 हज़ार करोड़ का है।
इस मुद्रा में अधिकांश युवा अपना पैसा लगते है जिनकी उम्र 18 से 34 वर्ष महज़ कुछ दिनों में अमीर बनने की चाहत युवाओं को आकर्षित करती है । क्रिप्टो के भाव तेज़ी से ऊपर और नीचे होते है तो जोखिम भी अधिक है।
भारत इस क्रिप्टो करेंसी के खरीद और बिक्री में प्रथम स्थान पे है और दुस्ट स्थान पे USA अमेरिका है ।भारत मे इसके 10 करोड़ निवेशक है वही अनुमानन 3 करोड़ अमेरिका के लोग है । 12 वर्षों में इतने बड़े निवेशक वो भी इतने कम समय मे और हो भी क्यं ना आज एक बिटकोईन का मूल्य भारतीय रुपये में 43 लाख है ।
किंतु अब क्रिप्टो करेंसी के निवेशक के लिए एक बुरी खबर आ रही है कि भारत सरकार अपने शीतकालीन सत्र में एक ऐसा कानून या बिल ला रही है जिससे कि इसके भविष्य पे संकट गहराने का सके हो रहा है
ये बिल है देश मे डिजिटल करेंसी भारत सरकार लाएगी और सभी या कुछ निजी क्रिप्टो करेंसी को प्रतिबंधित किया जाएगा उसकी रूपरेखा तैयार करेगी । अभी क्रिप्टो के लेन देन से भारत सरकार को किसी तरह का कोई कर नही मिलता है और ना ही इसकी कोई निगरानी होती है । संभवतः कुछ शर्तों के साथ क्रिप्टो का जारी रखा जा सकता है किंतु ये बस अटकलें है अध्यादेष संसद में आने के बाद ही पता चलेगा कि क्या करना चाहती है
आप को याद होगा कि भारत सरकार वर्ष 2018 में भी क्रिप्टो को प्रतिबंधित किया गया था और दो वर्ष बाद उच्चतम न्यायालय के आदेश पे पुनः बहाल किया गया था ।
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