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भगवान कहाँ है ?

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 भगवान कौन है ? भगवान कहाँ है ? वो कहाँ निवास करते है ?  क्या किसी ने देखा है ? इन प्रश्नो का उत्तर आपको भगवान ही दे सकते है   आईये देखते है भगवान् का क्या अर्थ है  भ : भूमि (धरती) ग : गगन (आकाश ) व : वायु ( हवा ) आ : अग्नि (आग ) न : नीर (पानी ) भ + ग + व + आ + न = भगवान  भगवान् सृस्टि के कण कण विद्यमान है।   यही बात हमारे शरीर के लिए भी सत्य है  छिति जल पावक गगन समीरा।  पंच रचित अति अधम सरीरा।।  अर्थात पांच तत्वों से ये शरीर बना है  भूमि (धरती) , गगन (आकाश ) , वायु ( हवा ) अग्नि (आग ) ,नीर (पानी ) यदि आपको ये पोस्ट अच्छी लगी तो औरों के संग साझा  करें धंन्यवाद 

Dhanbad Voter List

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  Voter List  नगर निगम चुनाव आने वाले है और आपको अपना वोटर लिस्ट चेक करना चाहिए की आपका नाम वोटरलिस्ट में है या नहीं बिना वोटर लिस्ट में नाम के आप अपना वोट नहीं दे सकते है।  अपना नाम वोटर लिस्ट में है ये कैसे चेक करें वो भी घर बैठे  ये बहुत सरल है।  यदि आप धनबाद जिला में रहते है तो आप अपना वोटर लिस्ट में नाम सरलता के साथ चेक कर सकते है  सबसे पहले आप धनबाद जिले के वेबसाइट पे जाएँ जो की इसतरह है https://dhanbad.nic.in उसके बाद आप इलेक्शन वाले तब पे क्लिक करें  उसके बाद सबसे पहले वाले ड्राप डाउन ऑप्शन पर जाएँ  तब ये वाली विंडो खुलेगी  इस पे आप 4 Ward wise  voter list   -DMC पे क्लिक करें  आप जिस वार्ड के निवासी है उस वार्ड के पीडीऍफ़ पे क्लिक करने से आपके  सामने आपके वार्ड वोटरलिस्ट खुल जायेगा अब इसमें बहुत से नाम है तो अपना नाम  खोजें कैसे तो आप अपने नाम का पहला शब्द इसमें से कॉपी और फिर CTRL+F  key बोर्ड पे परेश करेंगे और उसपे पेस्ट  कर दें और एक एक करके देखें आपका  नाम आ  जायेगा  जानकारी उ...

सम्पूर्ण स्वस्तिवाचन sampurn swastivaachan

 सम्पूर्ण   स्वस्तिवाचन किसी भी प्रकार के शुभ कार्य को करते हुए स्वस्तिवाचन पाठ अवश्य करें l  स्वस्ति मन्त्र शुभ और शांति के लिए प्रयुक्त होता है।  हर प्रकार के पूजा पाठ में स्वस्ति मंत्र का उच्चारण या स्वस्तिवाचन करना चाहिए और ऐसा होता भी है  सम्पूर्ण जगत की अच्छी शक्तियों को आमंत्रित करते हुए सभी शुभ और  कल्याणकारी हो ऐसी कामना करते है  सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में शांति हो ऐसी कामना करते है इन मन्त्रों द्वारा तो आइये देखते है सम्पूर्ण स्वस्तिवाचन  ॐ आनोभद्रा: क्रतवो यन्तु विस्वतो दब्धासो अपरीतास उद्भिद: ।  देवानो यथा सदमिद वृधे असन्नप्रायुवो रक्षितारो दिवे दिवे ॥    देवानां भद्रा सुमतिर्रिजुयताम देवाना ग्वंग रातिरभि नो निवार्ताताम। देवानां ग्वंग सख्यमुपसेदिमा वयम देवान आयु: प्रतिरन्तु जीवसे ॥    तान पूर्वया निविदा हूमहे वयम भगं मित्र मदितिम दक्षमस्रिधम।  अर्यमणं वरुण ग्वंग सोममस्विना सरस्वती न: सुभगा मयस्करत ॥   तन्नोवातो मयोभूवातु भेषजं तन्नमाता पृथिवी तत्पिता द्यौ: ।       तद्ग्रावान: सोम...

21 Fake University in India 21 भारत फर्जी विश्वविद्यालय

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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने 21 विश्विद्यालयों को फ़र्ज़ी घोषित किया है ये सभी २१ विश्वविद्यालय डिग्री प्रदान नहीं कर सकते है। जोई भी डिग्री प्रदान किये गए है वो मान्य नहीं होंगे फर्जी विश्वविद्यालयों के बारे में जारी सार्वजनिक सूचना में कहा गया है कि छात्रों और जनसाधारण को सूचित किया जाता है कि देश के विभिन्न भागों में 21 स्वत: अभिकल्पित, गैर मान्यता प्राप्त संस्थान कार्यरत हैं जो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियमन 1956 का उल्लंघन कर रहे हैं।   विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम 1956, धारा 22 के तहत निर्धारित करता है कि 'डिग्री प्रदान करने या देने का अधिकार केवल एक केंद्रीय अधिनियम, एक प्रांतीय अधिनियम या एक राज्य अधिनियम या एक संस्थान द्वारा स्थापित या निगमित विश्वविद्यालय द्वारा प्रयोग किया जाएगा। धारा 3 के तहत एक विश्वविद्यालय या विशेष रूप से संसद के एक अधिनियम द्वारा डिग्री प्रदान करने या प्रदान करने के लिए सशक्त संस्थान'। 21 भारत फर्जी / नकली विश्वविद्यालय की लिस्ट नीचे दी गयी है आप UGC के वेबसाइट में जा के भी इससे देख सकते है State-wise List of fake Universities ...

ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः

ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः । सर्वे सन्तु निरामयाः । सर्वे भद्राणि पश्यन्तु । मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत् ॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥ हिन्दी भावार्थ: सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी का जीवन मंगलमय बनें और कोई भी दुःख का भागी न बने। हे भगवन हमें ऐसा वर दो!

॥ श्रीशिवपञ्चाक्षरस्तोत्रम् ॥

  ॥ श्रीशिवपञ्चाक्षरस्तोत्रम् ॥ नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय , भस्माङ्गरागाय महेश्वराय । नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय , तस्मै   न   काराय नमः शिवाय ॥१॥ मन्दाकिनी सलिलचन्दन चर्चिताय , नन्दीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय । मन्दारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय , तस्मै   म   काराय नमः शिवाय ॥२॥ शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द , सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय । श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय , तस्मै   शि   काराय नमः शिवाय ॥३॥ वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्य , मुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय। चन्द्रार्क वैश्वानरलोचनाय , तस्मै   व   काराय नमः शिवाय ॥४॥ यक्षस्वरूपाय जटाधराय , पिनाकहस्ताय सनातनाय । दिव्याय देवाय दिगम्बराय , तस्मै   य   काराय नमः शिवाय ॥५॥ पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसन्निधौ । शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते ॥ शिवपञ्चाक्षर स्तोत्र के रचयिता आदि गुरु शंकराचार्य हैं , जो परम शिवभक्त थे। शिवपञ्चाक्षर स्तोत्र पंचाक्षरी मन्त्र नमः शिवाय पर आधारित है। न – पृथ्वी तत्त्व का म – जल तत्त...