वरदराज की कहानी | Varadraj ki kahani

Real Motivational Story | वरदराज की कहानी | Varadraj ki kahani यह कहानी वरदराज नामक एक छात्र की हैं जो पढ़ने में बहुत कामजोर था, सब उसे मंदबुद्धि कहते थे। लेकिन उसकी ज़िंदगी में एक बहुत ही अनोखी बात हुई और वह बालक देखते ही देखते विद्वान बन गया। इतना ही नहीं उसने संस्कृत में कई ग्रंथो की रचना की और संसार में विद्वान वरदराज के नाम से विख्यात हुआ। वरदराज एक लड़का था उसका नाम था वरदराज । वरदराज पढ़ने में बहुत कमजोर था। इस कारण सब लोग उसका मजाक उड़ाते थे, कोई मंदबुद्धि कहता तो कोई मुर्ख कहता था। उसके सभी सहपाठी जो उसके साथ पढ़ते थे वे आगे की कक्षा में पहुँच गए लेकिन बालक वरदराज एक ही कक्षा में कई साल से पढ़ रहा था, उसे पढ़ाई लिखाई समझ में नहीं आती थी। उसकी बुद्धि कमजोर होने के कारण उसपर गुरुजी भी नाराज रहते थे। उस बालक को कोई भी पसंद नहीं करता था, वह आज जो भी पढ़ता उसे कल भूल जाता था। अंत में उसे विद्यालय से यह कह कर निकाल दिया गया की वह पढ़ने लिखने में असमर्थ हैं। यह सुनकर उसके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गयी। उसके आँखों के सामने ...