सम्पूर्ण स्वस्तिवाचन sampurn swastivaachan
सम्पूर्ण स्वस्तिवाचन किसी भी प्रकार के शुभ कार्य को करते हुए स्वस्तिवाचन पाठ अवश्य करें l स्वस्ति मन्त्र शुभ और शांति के लिए प्रयुक्त होता है। हर प्रकार के पूजा पाठ में स्वस्ति मंत्र का उच्चारण या स्वस्तिवाचन करना चाहिए और ऐसा होता भी है सम्पूर्ण जगत की अच्छी शक्तियों को आमंत्रित करते हुए सभी शुभ और कल्याणकारी हो ऐसी कामना करते है सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में शांति हो ऐसी कामना करते है इन मन्त्रों द्वारा तो आइये देखते है सम्पूर्ण स्वस्तिवाचन ॐ आनोभद्रा: क्रतवो यन्तु विस्वतो दब्धासो अपरीतास उद्भिद: । देवानो यथा सदमिद वृधे असन्नप्रायुवो रक्षितारो दिवे दिवे ॥ देवानां भद्रा सुमतिर्रिजुयताम देवाना ग्वंग रातिरभि नो निवार्ताताम। देवानां ग्वंग सख्यमुपसेदिमा वयम देवान आयु: प्रतिरन्तु जीवसे ॥ तान पूर्वया निविदा हूमहे वयम भगं मित्र मदितिम दक्षमस्रिधम। अर्यमणं वरुण ग्वंग सोममस्विना सरस्वती न: सुभगा मयस्करत ॥ तन्नोवातो मयोभूवातु भेषजं तन्नमाता पृथिवी तत्पिता द्यौ: । तद्ग्रावान: सोम...